ujjayi pranayama
ujjayi pranayama
उज्जायी प्राणायाम का अर्थ होता है जीतना, अर्थात प्राणों को उज्जायी प्राणायाम करके जीता जा सकता है। उज्जायी प्राणायाम से हम अपनी सांसो पर विजय प्राप्त कर सकते हैं। इसलिए इस प्राणायाम कोअंग्रेजी में विक्टोरियस ब्रेथ के नाम से भी जाना जाता है। जब हम इस प्राणायाम को करते समय शरीर में गर्म वायु प्रवेश करती है और और दूषित वायु बाहर निकलती है। यह आसन तीन प्रकार से किया जा सकता है, बैठकर, खड़े होकर और लेट कर तीनों ही प्रकार से इस आसन को किया जा सकता है।
उज्जायी प्राणायाम करने का तरीका
1. सबसे पहले हमें जमीन पर एक आसन बिछा ले। पद्मासन और सुखासन अवस्था मैं बैठ जाए।
2. अब अपनी दोनों नासिका छिद्रों से सांस को अंदर की ओर खींचे की हवा फेफड़ों में भर जाए।
3. फिर जितना हो सके वायु को अंदर रोक कर रखें।
4. फिर नाक के दाएं छिद्र को बंद करके, बाएं छिद्र से सांस को बाहर निकाले।
5. वायु को अंदर खींचते और बाहर निकालते समय कंठ को संकुचित करते हुए, ध्वनि करेंगे।
6. इसका अभ्यास कम से कम 10 मिनट तक करें।
उज्जायी प्राणायाम के लाभ
1. उज्जायी प्राणायाम करने से थायराइड जैसी बीमारियां दूर होती हैं।
2. उज्जायी प्राणायाम कब्ज की बीमारियों को भी दूर करता है।
3. उज्जायी प्राणायाम 140 प्रकार की बीमारियों को दूर करता है।
4. अस्थमा की बीमारी भी इस प्राणायाम से दूर हो जाती है।
3. उज्जायी प्राणायाम 140 प्रकार की बीमारियों को दूर करता है।
4. अस्थमा की बीमारी भी इस प्राणायाम से दूर हो जाती है।